Sunday 8 May 2016

माँ...

मम्मी...मम्मा...मॉम...अम्मी...नाम अनेक ...
हर नाम में एक ही एहसास 'माँ '...
एक दोस्त का साया ,
मम्ता की मूरत ,
गलतियों की सीख ,
मुश्किलों का हल .. 
माँ रहे बचन की
सबसे अच्छी दोस्त ...
उसकी गोद में रोना ...उसके आँचल में सोना ,उसके हाथ का बना खाना ...
वक़्त गुज़रे ,करे हैं बदलाव ...
ना बदली माँ ...ना बदला उसका प्यार ...
हर मुस्कुराहट में माँ ...
हर आँसू में माँ ...
हर शिकायत में माँ ...
हर जीत में माँ ...
कभी जीत कभी हार ...हारे मन की उम्मीद 'माँ '...
बस एक अश्क ,बस एक सवाल ...
और सब ठीक कर देती हैं 'माँ '...
माँ हैं मासूम ,प्यारी साथी हमारी ...
हर कदम करती हैं रक्षा बन ढाल हमारी ...
वो हैं खेले कूदे संग हमारे ,एक पल में डाँट ,दूसरे पल पोंछे आँसू हमारे ...
हमारा दर्द रुलाए उसे ,हमारी ख़ुशी मुस्कुराए उसे ...
हमारी जीत में माने अपनी जीत ,हमारी हार में अपनी हार ...
अब तेरी तारीफ में बस यही कह सकू ...
तू तो हैं 'माँ '...नहीं तेरे जैसा कोई ...
मेरी प्यारी माँ ...
ईश्वर का सबसे अच्छा तौफा ...
हैप्पी मदर्स डे ...
ज़िन्दगी के हर कदम पर रहने के लिए शुक्रिया ' माँ '...


1 comment:

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